गिरता भूजल स्तर-lowering of underground waterlevel in hindi

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको lowering of underground waterlevel in hindi  के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

गिरता भूजल स्तर(lowering of under ground water level)

सर्दियो से सिंधु का गंगा का विशाल मैदान ईश्वर की असीम कृपा से मीठे जल के असीमित भंडार से परिपूर्ण रहा है यहां के निवासियों को कभी पानी की कमी का आभासी नहीं हुआ है अगर हम उत्तर प्रदेश से बाहर दूसरे प्रांतों अथवा दूसरे देशों पर निगाह डालें तो हम पानी की समस्या को भली प्रकार समझ सकते हैं राजस्थान जैसे राज्यों में पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण किए हुए हैं

जिसके समाधान के लिए सरकार को कई परियोजनाओं को चलना पड़ता है हम उत्तर प्रदेश के निवासी पेयजल समस्या के बारे में अखबारों में पत्रिकाओं में एवं दूरदर्शन में देखते हैं परंतु अभी तक इस समस्या से ग्रसित नहीं हुए हैं लेकिन दिन दूर नहीं है जब हम अन्य प्रांतों के लोगों की भांति पीने के पानी के लिए हम भी तरसते नजर आएंगे समय रहते नहीं चिंतित हुए तो हमारे भूजल भंडार भी एक दिन खाली हो जाएगा

उत्तर प्रदेश में एक आकलन के अनुसार भूजल का कुल भंडार 80 मिलियन हेक्टेयर मीटर है इसमें से 83 मिलियन हेक्टेयर भूजल का दोहन प्रतिवर्ष किया जा रहा है इस प्रकार कुल अवशेष भूजल 37 मिली है मी ही शेष बचा है शहरों की आबादी बढ़ने तथा जल का दुरुपयोग बढ़ने के कारण भूजल की खबरों में बहुत अधिक बढ़ गई है जिससे भूजल स्तर नीचा हो गया है

जल संस्थान द्वारा जल की आपूर्ति सही ढंग से ना हो पाने के कारण अब सभी लोग अपने अपने घरों में बोरिंग करवा कर जेट पंप या सबमर्सिबल समरसेबल पंप से पानी की खपत बहुत बड़ा रहे हैं यह भी जलस्तर गिरने का एक बड़ा कारण है मैदानी भागों में संपूर्ण वर्षों का भारत से 20% भाग प्राकृतिक रूप से गूगल में मिल रहा है

इस 88% भाग नदियों में चला जाता है क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण कार्य के कारण वर्षा जल ही जल में मिल पा रहा है इस प्रकार क्षेत्र के जल में वर्षा जल की आपूर्ति नियंत्रक जा रही है पानी की उद्योग व्यवसाय में भी होती है कल्पना कीजिए कि जब हर घर में चल रहा हो खेतों की सिंचाई सरकारी या प्राइवेट द्वारा की जा रही हो उद्योग धंधों में विभिन्न कार्य हेतु किया जा रहा है अब भूगोल में इन सब के लिए इतना जल प्राप्त होगा और भूजल स्तर नीचे गिरेगा अभी समय है कि हम सावधान हो जाएं और इस तथ्य को समझने के लिए भूजल स्तर में गिरावट नहीं आएगी जब रोहित जल की मात्रा भोजन में शामिल वर्षा जल की मात्रा के बराबर रहेगी इसके लिए आवश्यक है कि भोजन में वर्षा जल पहुंचने के उपाय किए जाए

वर्षा जल के जो 80 से 88% भाग ही को जो मिल रहा है करने के उपाय

  1. भूजल का पुनभरण(संवर्धन)
  2. सतही संचयन

भूजल का पुनभरण से अभिप्राय यह है कि वर्षा जल को प्रदूषित हुए सुरक्षित तरीके से भूजल में मिला देना वर्षा जल को रोककर बागवानी एवं सिंचाई आदि कार्यों हेतु सीधे प्रयोग कर लिया जाता है अथवा तालाब पोखर झील आदि में वर्षा जल को एकत्र कर ले जाता है धीरे-धीरे मिर्जा में भोजन में मिलता रहता है रेन वाटर द्वारा प्रतिवर्ष 10000 घन मीटर पानी भुजन में सम्मिलित  होगा

शासन स्तर पर इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं 19 जून 2003 के संदेश के अनुसार 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के भवनों में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग परियोजना अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है

भू जल संरक्षण का दायित्व केवल सरकार का ही नहीं है हम सभी का नेतृत्व दायित्व है कि हम कम से कम पानी का प्रयोग करें पानी को अवयव ना फैलाएं लोटे का इस्तेमाल करें सीधे वाशबेसिन की टूटी खुलकर गाड़ी ना बनाएं बाल्टी में पानी लेकर लौटे से स्नान करें फर्ज को धोने के स्थान पर पोछा लगाएं इस प्रकार की कई पानी की छोटी छोटी बच्चों का बहुत महत्व है बूंद बूंद से घड़ा भरता है पानी के संबंध में निम्न व्याख्या देखें

lowering of underground waterlevel in hindi

reference-https://www.conserve-energy-future.com/causes-effects-solutions-of-

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