What is types of ecosystem in hindi-पारिस्थितिक तंत्र के प्रकार

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको types of ecosystem in hindi  के बारे में बताया गया है की क्या होता है कैसे काम करता है तो चलिए शुरू करते है

पारिस्थितिक तंत्र के प्रकार(types of ecosystem)

  1. स्थलीय पारितंत्र(terrestrial ecosystem)-स्थलीय पारितंत्र के अंतर्गत स्थल पर पाए जाने वाले पारितंत्र आते हैं जैसे रेगिस्तान ,मरुस्थल ,घास का मैदान टुंडा प्रदेश तथा वन आदि इन क्षेत्रो  को मुख्यतः तीन प्रकार से विभाजित कर सकते हैं
  2. वायु(air)– स्थलीय जीवो के लिए ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड का स्रोत वायु हैO2 को जीव तथा कार्बन डाइऑक्साइड को पेड़ पौधों ग्रहण करते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड जीव व ऑक्सीजन पेड़ पौधे उत्सर्जित करते हैं
  3. जलवायु(climate)– इसके 3 भाग होते हैं
  • तापमान(temperature)– पृथ्वी की सतह एवं वायु विशिष्ट ऊष्मा के कारण भिन्न-भिन्न जगह पर भिन्न-भिन्न उसमें उत्पन्न होती है
  • नमी(moisture)-अलग-अलग स्थानों पर वह अलग अलग होती है
  • प्रकाश(light)- सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर आती है उसमें विभिन्न तरंदेश्र्य वाली किरणे होती है पर्यावरण प्रदूषण के कारण कहीं पर सूर्य को रोशनी कम तथा कहीं पर अधिक आती है
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III.मृदा(soil)– पृथ्वी की ऊपरी सतह जिसमें कार्बनिक पदार्थ खनिज पदार्थ उत्पन्न होते हैं या मिलते हैं मृदा कहलाती है

2.जलीय परितंत्र(aquatic ecosystem)-परितंत्र इसे मुख्य दो भागों में बांटा गया है

  1. स्वस्थ जल पारितंत्र(fresh water ecosystem)-इसके अंतर्गत प्रवाहित स्वस्थ जल परितंत्र और स्थिर स्वच्छ जल परितंत्र होते हैं जैसे झरना ,जलधाराएं नदिया झीले पोखरे आदि
  2. समुद्री परितंत्र(marine ecosystem)– यह एक विशाल परितंत्र होता है जो कि पृथ्वी की तीन चौथाई भाग पर फैला हुआ है इसमें सैकड़ोजीव व् वनस्पतियों पाई जाती है पर्यावरण की क्रियाये इसी के द्वारा control होती है इसके अंतर्गत महासागर ,मुहाने खाड़ी आदि आते हैं

इसकी मुख्यतः तीन चीजें मनुष्य को प्रभावित करती हैं

  1. लवणता-समुद्र जल की लवणता मुखत: समुद्र की गहराई ,पानी के वाष्पन की दर,हिन्खंड़ो के पिघलने ,नदियों की सख्या जो समुद्र में आकर मिलती है पर निर्भर करती है

ऐसा अनुमान है कि 80% Na,20% Cl के लवन सागर के पानी में घुले होते है अन्य तत्वों में Na,Ca,K,S तथा Mg आदि होते है

  1. तरंग(wave)– समुद्री तरगो से बड़े-बड़े पत्थर उलट –पलट जाते है जिससे इन पत्थरों से अनेक जीव जंतु मर जाते हैं इससे केवल नुकसान नहीं होते हैं इसके द्वारा ऑक्सीजन पानी में मिल जाती है जो जलिव जीवो के लिए महत्वपूर्ण होता है
  • ज्वार(tides)– समुद्र में जब  ज्वार भाटा आता है तो इसके द्वारा ऊंची ऊंची लहरें उठती है ज्वार भाटा के आने का मुख्य कारण चंद्रमा तथा  सूर्य का गुरुत्वाकर्षण होता है इसमे मुख्यत: दो लाभ होते हैं

इसी कारण जीव पानी की अधिकता महसूस करते हैं जो उसके लिए लाभदायक है तथा इसके द्वारा मानव बिजली का उत्पादक भी कर सकता है

3.आकाशीय परितंत्र(skyral ecosystem)

स्थलीय व् जलीय परितंत्र के अतिरिक्त आकाश में भी कई प्रकार के परितंत्र होते हैं जो वायुमंडल में एक ऐसा ही परितंत्र होते है वायुमंडल भी एक ऐसा ही परितंत्र है  जिसका पीछे वर्णन किया जा सकता है

संपूर्ण अंतरिक्ष भी एक पारितंत्र है यह वायुमंडल के आसपास फैला हुआ होता है जहां वायु नहीं है इसमें पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रह भी सम्मिलित है जिनका प्रभाव हमारे उपर नहीं पड़ता है या आकाशीय परितंत्र जिससे प्रभावित होते है ये सभी परितंत्र आकाशीय परितंत्र कहलाते है

पर्यावरण के अवयव(element of environment)– पर्यावरण का क्षेत्र बहुत विस्तृत है इसके अध्ययन  के लिए पर्यावरण  को मुख्यतः निम्न भागों में विभाजित कर सकते हैं

(1) पृथ्वी (2)जल (3)हवा (4) उर्जा   (5) स्थान

types of ecosystem in hindi

reference-https://byjus.com/biology/ecosystem/

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